Not known Details About Shiv chaisa
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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
भगवान शिव जी की चालीसा के बोल निचे दिए गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
O Common Lord, each and every early morning like a rule I recite this Chalisa with devotion. Remember shiv chalisa in hindi to bless me in order that I might be able to execute my substance and spiritual wishes.
जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
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कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
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कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी